नई दिल्ली, 27 अक्टूबर 2019, (दैनिक पालिग्राफ)। दिवाली पर पूजा का खास महत्व होता है। कार्तिक मास की अमावस्या को महानिशा काल में और स्थिर लग्न में महादेवी लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है। इससे संपूर्ण वर्ष में लक्ष्मी की कृपा से धन-धान्य की वृद्धि रहती है और धन की कमी बिल्कुल नहीं होती। ऐसे में अगर पूजा के वक्त कुछ विशेष बातों को ध्यान रखा जाए तो आपका भाग्य चमक सकता है।
इस तरह करें लक्ष्मी-गणेश जी की पूजा?
- अपने घर की उत्तर या पूर्व दिशा को (पूजास्थल) को साफ करके स्थिर लग्न में एक लकड़ी के पटरी पर सवा मीटर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश देवी लक्ष्मी और कुबेर आदि देवताओं की स्थापना करें।
- सभी देवी देवताओं को रोली मोली चावल धूप दीप सफेद मिष्ठान्न अर्पण करें और भगवान गणेश को 27 हरी दूर्वा की पत्तियां और देवी लक्ष्मी को कमल का पुष्प अर्पित करें।
- स्थिर लग्न में स्वयं आप लाल आसन पर बैठकर अपने दाएं हाथ में जल लेकर देवी लक्ष्मी से अपने घर में चिर स्थाई रूप से रहने की प्रार्थना करें।
- ऊं गं गणपतये नमः और ऊं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मये नमः और ऊं कुबेराय नमः मन्त्र का कमलगट्टे की माला से 108 बार जाप करें।
- जाप के बाद भगवान गणपति देवी लक्ष्मी और सभी देवी देवताओं को सफेद मिठाई और फल और साबूदाने की खीर का भोग लगाएं और परिवार के सभी सदस्य प्रसाद ले।
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- दिवाली की पूजा अर्चना से पहले अपनी पूजन की समस्त सामग्रियों को एक जगह पूजन स्थल पर इकट्ठा करके रखें।
- पूजन करने से लगभग 15 मिनट ठीक पहले किसी जरूरतमंद सुहागन स्त्री को लाल साड़ी या सवा मीटर लाल कपड़ा सुहाग की समस्त सामग्री और सफेद मिठाई घर पर बुलाकर अवश्य दें।
- दिवाली की पूजा अर्चना करने से पहले घर के सभी कमरों में रोशनी करें और घर के सभी दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें और घर में गुलाब की सुगंध करें।
तिजोरी में रखें दिव्य पोटली
- एक चैकोर रेशमी पीला रुमाल ले और 27 कमलगट्टे 11 पीली कोड़ियाध्शुद्ध गुलाब का इत्र और शुद्ध लाल चंदन का टुकड़ा लें।
- अपने घर की उत्तर दिशा में स्थिर लग्न में लाल आसन पर बैठे।
- गाय के घी का एक दिया भगवान गणेश और लक्ष्मी के सामने जलायें उन्हें लाल गुलाब के फूल अर्पण करें।
-ऊं श्रीं श्रियै नमः मंत्र का 108 बार जाप करें देवी लक्ष्मी से अपने घर में हमेशा के लिए रहने की प्रार्थना करें।
- अपने मन की कामना देवी लक्ष्मी से और यह समस्त सामग्री पीले रुमाल में रखकर कलावे की सहायता से बांधे और घर की तिजोरी में रख दें।
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- अपने घर की उत्तर या पूर्व दिशा में स्थिर लग्न में या महानिशा काल में देवी लक्ष्मी के सामने गाय के घी का दिया जलाएं और लाल आसन पर बैठकर गणेश जी का ध्यान करें और भगवान विष्णु के 108 नामों का जाप करें।
- शुद्ध चांदी के बर्तन या किसी भी पात्र में साबूदाने की खीर या सफेद मिष्ठान्न रखें और उन्हें लाल गुलाब के फूल और कमल के पुष्प अर्पण करें।
- आसन पर बैठे-बैठे ही श्री सूक्त का उच्च स्वर में जाप करें जाप के बाद माता लक्ष्मी को खीर या मिष्ठान का भोग लगाएं और छोटी कन्या और सुहागन स्त्री को दें।
पूजा का समय
व्यापारी वर्ग पूजा का समय दोपहर 2ः17 से 3ः41 तक।
शाम की पूजा का समय 6ः45 से 8ः36 तक।
महानिशाकाल रात 1ः14 से 3ः27 तक।
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