झांसी: तीन दिवसीय इसरो की अंतरिक्ष प्रदर्शनी का हुआ समापन

 




झांसी, 20 अक्टूबर (दैनिक पालिग्राफ)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर के राजीव गांधी इण्डोर स्टेडियम में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष प्रदर्शनी का आज सायं समापन हो गया है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जे.वी.वैशम्पायन ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के अधिकारियों की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया कि उन्होंने इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का चयन किया। साथ ही उन्होंने आयोजकों की टीम की भीर सराहना की कि उन्होंने इस चुनौतीपूर्ण कार्य का अच्छी तरह से निर्वहन किया। कुलपति ने कहा कि इस तरह के आयोजन किसी भी विश्वविद्यालय के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण होते है क्योकि इन आयोजनो से छात्रों कीे उस विषय के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस आयोजन से इस विश्वविद्यालय एवं क्षेत्र के विद्यार्थी लाभान्वित हुए होंगे तथा अंतरिक्ष विज्ञान के अध्ययन के प्रति जागरूक होंगे। कुलपति ने प्रदर्शनी में कार्य कर रहे वालेण्टियर तथा एन.सी.सी. कैडेटस की प्रदर्शनी के दोरान उनक कार्यो की प्रशंसा की। ं
इसरो अंतरिक्ष विज्ञान प्रदर्शनी के अंतिम दिवस आईएएस शिक्षण संस्थान खान स्टडी सर्किल के छात्र-छात्राओं ने भी इसरो विज्ञान प्रदर्शनी में रखे उपकरणों का अवलोकन किया तथा इसरो वैज्ञानिकों तथा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विज्ञान भवन के प्रो. डा. संजीव श्रीवास्तव से चन्द्रयान-2 से सम्बन्धित प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञाशाओं का निदान किया। प्रो. ऋषि सक्सेना ने पालिग्राफ न्यूज से बातचीत करते हुए इसरो विज्ञान प्रदर्शनी से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई। 
इस अवसर पर अधिष्ठाता अकादमिक प्रो.एस.पीसिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। समापन कार्यक्रम में सर्वप्रथम कुलपति तथा अन्य अतिथियों को पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। प्रदर्शनी के संयोजक डा.ऋषि कुमार सक्सेना ने प्रदर्शनी की रिपोर्ट को उपस्थित अतिथियों के सम्मुख रखा। उन्होंने कहा कि तीन दिन की प्रदर्शनी में झांसंी, कौच, जालौन, मऊरानीपुर, उरई के कुल 65 विद्यालयों तथा महाविद्यालयों के लगभग सात हजार छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। डा.सक्सेना ने बताया कि इस प्रदर्शनी में वालेण्टियरर्स हेतु परसिर के 53 तथा अन्य महाविद्यालयों के 32 वालेण्टियर्स ने कार्य किया। कुलपति प्रो. वैशम्पायन की प्रेरणा तथा इंजी राहुल श्ुाक्ला के निर्दशन में आंत्रकी अभियांत्रिकी के छात्रों के द्वारा एक पृथ्वी-उपग्रह का आरविटल माडल बनाकर प्रस्तुत किया गया। जिसकी सभी ने प्रशंसा की। इंजी राहुल शुक्ला ने बताया कि यह माॅडल सिद्धार्थ शुक्ला, अभिनव जैन, साक्षर अमित कुमार, मोहम्म्द फैजल, धरेन्द्र सिह तथा उत्कर्ष त्रिपाठी ने मात्र दो दिन मे तैयार कर दिया। इस अवसर पर इसरो और ललित कला संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था यह प्रतियोगिता दो समूहों में आयेाजित की गई थी। प्रथम समूह में 08 से 15 वर्ष तक तथा द्वितीय समूह 15 से 22 वर्ष में आयोजित  की गई थी। प्रथम समूह में जिसमें सेंट फ्रांसिस कान्वेंट स्कूल की प्रियांशी गुप्ता प्रथम, महारानी स्कूल की छात्रा तनीषा सोनी द्वितीय तथा आर. एन एस वल्र्ड  स्कूल की आयुषी गुप्ता तृतीय रही। इसी प्रकार महाविद्यालय ग्रुप में ललित कला संस्थान के ललित प्रजापति प्रथम, नंदनी कुशवाहा द्वितीय और अंकिता जैन तृतीय स्थान पर रहे। कुलपति द्वारा सर्वप्रथम इसरो के वैज्ञानिको कोे स्मृति  चिन्ह भेटकर सम्मानित किया गया तत्पश्चात पोस्टर प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियांे तथा प्रदर्शनी के दौरान स्वयंसेवक का कार्यकर रहे छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किये गये। कार्यक्रम का संचालन डॉ ऋषि कुमार सक्सेना ने किया तथा आमंत्रित अतिथियों का आभार इंजी.राहुल शुक्ला ने व्यक्त किया। 
इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.देवेश निगम, प्रो.प्रतीक अग्रवाल, आर्कि.सन्दीप मिश्रा, डॉ.एस.के. श्रीवास्तव डा.अनु सिंघला, डा.पीयूष भारद्वाज, डा.संदीप आर्य, डॉ ललित कुमार गुप्ता, डा. सादिक खान, डॉ सुनीता, डा.श्वेता पांडे, डॉ.मानवेंद्र सिंह सेंगर, सादिक खान सुमिरन श्रीवास्तव, डा.प्रकाश चंद्र, डा.उमेश कुमार, डा.विजय यादव, डा.राजेश कुमार पाण्डेय, डॉ अजय गुप्ता, जयराम कुटार, दिलीप कुमार हेमंत चंद्र उपस्थित रहे। 


 


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