किसानों की समस्या को प्राथमिकता से सुना जाये : अपर जिलाधिकारी


शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 17 दिसम्बर 2019 (दैनिक पालिग्राफ)। किसानों को फसल का अधिकतम मूल्य मिले, इसके लिये शासन कटिबद्व है। जनपद मे उर्वरक की कालाबाजारी बर्दास्त नही की जायेगी। सोसाइटी पर अधिकारी आकस्मिक छापामार कर कार्यवाही करे, यदि अधिक दाम पर उर्वरक बेची जाती है तो उपरोक्त के विरुद्व सुसंगत धाराओं में कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। विद्युत विभाग ग्रामीण अपनी कार्यशैली में सुधार लाये ताकि किसानो की समस्या की सही समय से निस्तारण हो सके। किसानो द्वारा विद्युत विभाग के खिलाफ अधिक शिकायत शासन को पत्र लिखे जाने के निर्देश।
बुधवार को विकास भवन सभागार में प्रतिमाह के अनुसार किसान दिवस अन्तर्गत किसान बैठक का आयोजन अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व राम अक्षयवर चैहान की अध्यक्षता में हुआ। किसान बैठक में उन्होने उपस्थित अधिकारियों को ताकीद करते हुये निर्देश दिये कि किसानो की समस्या को प्राथमिकता से सुना जाये और उसका निस्तारण किया जाये। शासन व प्रशासन की मंशा है कि किसान को उसकी फसल का अधिक मूल्य मिले, इसके लिये नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व राम अक्षयवर चैहान ने किसान बैठक में कहा कि क्रय केन्द्रो पर मूंगफली बेचने वाले किसानो का सत्यापन होगा। खसरा-खतौनी में दर्ज फसल की सूचना की जानकारी ली जायेगी। यदि किसान द्वारा मूंगफली बोयी नही गयी तो कैसे मूंगफली बेची जा रही है ? मूंगफली क्रय केन्द्रों पर व्यापारियों की मूंगफली न ली जाये। किसान हित में क्रय करते हुये किसानो की मूंगफली ही खरीदी जाये ताकि किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ मिल सके। किसान बैठक में यूरिया के सम्बन्ध में किसानो ने अनेको शिकायत करते हुये कहा कि सोसाइटी में अधिक दाम पर बेची जा रही रही तथा प्राइवेट में 260 रुपये रुपये के स्थान पर 370-380 रुपये में खाद बेची जा रही है। उप कृषि निदेशक कमल कटियार ने बताया कि यूरिया की कालाबाजारी नही होने दी जायेगी। उन्होने कहा कि उर्वरक नियंत्रण व 3ध्7 धारा अन्तर्गत अधिक दाम पर यूरिया बेचने वालो को ताउम्र कैद की सजा का प्रावधान है। उन्होने अधिक मात्रा में उर्वरक के परिवहन पर जांच करने के भी निर्देश दिये, ताकि कालाबाजारी पर रोक लगायी जा सके। किसान बैठक में किसान नेता गौरीशंकर बिन्दुआ ने अधिशाषी अभियंता विद्युत विभाग ग्रामीण पर योजनाओ की जानकारी न होने के कारण किसानो को लाभ नही दिये जाने की शिकायत की। उन्होने बताया कि ऊर्जा मंत्री उ0प्र0सरकार द्वारा यह घोषणा की गयी है कि संयोजन लेने पर किसान को तार मुफ्त दिये जायेगे, परन्तुविभागीय अधिकारी इस आदेश से अनभिज्ञ है तो कैसे किसानो का भला होगा। उन्होने जनपद में गौशाला व आश्रय स्थल पर गोवंश की दुर्दशा पर भी चिंता व्यक्त की तथा ग्राम रेवन में 200 गोवंश है परन्तु उनके लिये भोजन-पानी की व्यवस्था नही होने पर वह कैसे जीवित रहेगी ? बैठक में जनपद की गौशाला व गौ-आश्रय को 6 करोड़ रुपये देने पर उन्होने अश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि इतनी राशि देने के बाद भी गौवंश खुले में रह रहा है ? उन्होने किसानो को गौ-आश्रय स्थल पर भ्रमण कराये जाने की सलाह दी ताकि जो कार्य हो रहे उनमें पारदार्शिता बनी रहे। कमलेश लम्बरदार ने कहा कि पानी-बिजली के बिना किसान कैसे खेती करेगा ? उन्होने अधिशाषी अभियंता ग्रामीण की शिकायत करते हुये कहा कि ट्यूवबैल कनैक्शन के किसान से पूरा पैसा जमा करा लिया गया, परन्तु सामान पूरा नही दिया गया। जिससे किसान अपवने को ठगा-सा महसूस कर रहा है जब संयोजन ही मिलेगा तो ट्यूवबैल कैसे चलेगा और जब पानी नही मिलेगा तो खेती कैसे होगी। उन्होने किसानो को बीमा न मिलने पर भी बात बैठक में रखी। जिस कारण किसान बुवाई नही कर पा रहे है।
इस मौके पर जिला कृषि अधिकारी के.के. सिंह,  सीवीओ डा. वाई.एस. तोमर सहित अन्य अधिकारीगण एवं किसानजन भी मौजूद रहे।


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