शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 04 दिसम्बर 2019 (दैनिक पालिग्राफ)। जनपद में पराली कही भी न जलायी जाये, यह आदेश जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने दिये। जिसके क्रम में बुधवार को जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने अन्य अधिकारियांे के साथ विकास खण्ड चिरगांव के ग्राम मिरौना व बझैरा में किसानो को जागरुक करने के लिये चैपाल लगायी। चैपाल में जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने उपस्थित किसानो को पराली जलाये जाने से होने वाली क्षति की जानकारी देते हुये बताया कि खेत में आग लगाये जाने से मृदा के पोषक तत्वो की कमी आती है, साथ ही उत्पादकता में कमी आती है। उन्हांेने पराली के सुलभ निस्तारण हेतु जानकारी देते हुये पराली से कम्पोस्ट खाद बनाने के लिये वेस्ट डी कम्पोजर का सजीव प्रदर्शन किया। उन्होने किसानो को बताया कि वेस्ट डी कम्पोजर जो कि राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र गाजियाबाद उ0प्र0 द्वारा विकसित किया गया है, जिसका मूल्य मात्र 20 रुपये है। किसान इसे तैयार करने के लिये 200 लीटर पानी में प्लास्टिक की टंकी में वेस्ट डी कम्पोजर को मिलाये साथ ही ध्यान रहे कि वेस्ट डी कम्पोजर को लकड़ी से निकालना है, हाथ का प्रयोग कतई न किया जाये।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने तैयार करने की विधि बताते हुये कहा कि 200 लीटर पानी मे 2 किग्रा गुड़ मिलाना और लकड़ी की सहायता से सुबह-शाम लगभग 7 दिन तक टंकी के मिश्रण को धुमाते रहना है। 7 दिन के बाद यह पराली अथवा फसल अवशेष को सड़ाने एवं कम्पोस्ड खाद बनाने के लिये तैयार हो जायेगा। इसके द्वारा पराली को अच्छी तरह भिगो दे, लगभग 21 दिन बाद यह सड़कर जैविक खाद बन जायेगी। उन्होंने कहा कि यह जानकारी अन्य ग्रामो में भी कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारियो द्वारा लगातार दी जाये तथा किसान इस विधि का उपयोग करे ताकि मृदा भी स्वस्थ रहे। साथ ही उर्वरा शक्ति व मित्र कीट भी मृदा में बने रहे।
इस मौके पर डीडी कृषि कमल कटियार, प्रभारी सहायक देवेन्द्र सिंह चैहान, कृषि रक्षा प्रभारी अवधेश कुमार सहित ग्राम मिरौना के कृषक महिपाल, श्रीमती मिथला देवी, प्रेम नारायण, राम सिंह कुशवाहा, चरन सिंह, ग्राम बझैरा के जयपाल, प्रतिपाल सिंह, दीपक सिंह, सुरेन्द्र, महेन्द्र सिंह मौजूद रहे।
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