शुभम श्रीवास्तव
झाँसी, 30 जनवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। गुरुवचार को सीपरी बाजार स्थित प्राचीन लहर की देवी माता मंदिर के प्रांगण में चल रहे शत्चण्डी महायज्ञ में यज्ञाचार्य पं. उदय शंकर तिवारी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण से यज्ञवेदी में यजमानों से आहूतियां डलवायीं।
वहीं, संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के चैथे दिन कृष्ण जन्म की कथा सुन श्रोता नाच उठे, नन्द के घर आनंद भयों जय कन्हैयालाल की, कि ध्वनि से कथा स्थल वातावरण भक्तिमय हो गया। भागवताचार्य पं. राजेश शास्त्री ने कहा है कि परमात्मा का पूर्ण ब्रह्म अवतार कृष्ण का रूप में हुआ। उन्होंने कहा है कि आज हमारे बच्चे उस शिक्षा की और भले ही अग्रसर हो रहे हैं लेकिन उनमें माता-पिता के प्रति भक्ति नहीं रहती है। इसका कारण यह है कि मातायें अपने बच्चों की सेवा स्वयं नहीं करती। माता यशोदा के लाखों दास दासियां थीं लेकिन अपने लाला की सेवा स्वयं अपने हाथों से ही करती थीं। माँ द्वारा बच्चों की सेवा करने से बच्चों में माँ के प्रति अनुराग एवं माँ द्वारा बच्चों में वात्सल्य की प्राप्ति होती है। भागवत कथा पूर्व कथा पारीक्षित श्रीमती अनीता यादव, मानसिंह यादव ने व्यास गद्दी की पूजा अर्चना की आरती उतारी। भागवत कथा के दौरान साधु संत मंचासीन रहे। जिसमें महंत मोहनगिरी महाराज लहर की देवी, महंत ओमगिरी महाराज गंगनानी गंगोत्री उत्तराखण्ड, डॉ. योगानन्द गिरी महाराज मिर्जापुर, थानापति महंत श्रीराम अवतार गिरी महाराज ग्वालियर चम्बल संभाग, महंत आनंद गिरी महाराज सैंयर पहाड़, महंत महेन्द्र गिरी महाराज, केदारश्वर गिरी महाराज उज्जैन महंत, बलराम गिरी महाराज, महंत सूर्य नारायण गिरी महाराज, महंत रवीन्द्र गिरी महाराज करैरा।
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