नई दिल्ली: ‘19 जनवरी, 1990-कहानी कश्मीर की’ विषय पर गोष्ठी सम्पन्न


प्रदीप यादव
नई दिल्ली, 21 जनवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। इंद्रप्रस्थ अध्ययन केंद्र, द्वारका इकाई द्वारा रविवार को ‘19 जनवरी, 1990-कहानी कश्मीर की’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन नई दिल्ली में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संजय गंजू (पूर्व अध्यक्ष, जम्मू कश्मीर विचार मंच) रहे एवं अध्यक्षता रामचन्द्र गर्ग जी (सहायक प्राध्यापक, औरोबिंदो महाविद्यालय) ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता संजय गंजू ने बताया कि भारत की आजादी के समय कश्मीर की वादी में लगभग 15 प्रतिशत हिन्दू थे और बाकी मुसलमान थे। आतंकवाद शुरु होने के बाद आज कश्मीर में सिर्फ 4 प्रतिशत हिन्दू बाकी रह गये हैं, यानि कि वादी में 96 प्रतिशत मुस्लिम बहुमत है। संजय गंजु ने अपने वक्तव्य से 4 प्रतिशत कश्मीरी पंडित का दर्द और उस भयावह स्थिति से और उस समय की सामाजिक स्थिति से अवगत कराया जिसमें सरे आम हिन्दू को गोली मारकर गलियों में फेक दिया जाता था और कैसे धर्म और साम्प्रदायिकता के नाम पर भेदभाव हुआ उसको भी उन्होंने विस्तार से समझाया। अंत में उन्होंने कहा कि यदि जनगणना में कश्मीरी पंडित नहीं हैं तो ‘आयुष्मान भारत’ की संकल्पना पूर्ण रूप से नहीं की जा सकती। संजय गंजु के उद्बोधन के पश्चात प्रश्नोत्तर एवं जिज्ञासा समाधान का सत्र रहा। 
जिज्ञासा समाधान के बाद विनोद शर्मा ‘विवेक’ (संयोजक, इंद्रप्रस्थ अध्ययन केंद्र) ने कार्यक्रम के विषय पर संजय गंजु के उद्बोधन की सराहना करते हुए बोले कि जितना समाज एवं राष्ट्र को हानि दुर्जन से नहीं उतना सज्जन व्यक्ति की निष्क्रियता से होती है। इसलिए उन्हें जागृत करने की आवश्यकता है। समाज और राष्ट्र की जिम्मेदारी युवा वर्ग, शिक्षित वर्ग और समाज के जन-जन की है और इसलिए उनको आह्वान करने की आवश्यकता है। 
मंच संचालन अभय प्रताप ने किया एवं सभी आगन्तुकों का आभार रामचन्द्र गर्ग ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम का समापन वन्दे मातरम द्वारा किया गया। गोष्ठी में अध्ययन केंद्र की प्रान्त टोली के सदस्य, बुद्धिजीवीें, शिक्षाविद्, शोध छात्र, उद्यमी आदि लोग उपस्थित रहे।


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