पाँच ट्रिलीयन इकाॅनोमी देश के लिये समर्पित अर्थशास्त्रीयांे के बिना संभव नहीं: कुलपति


झांसी, 7 जनवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के बैंकिंग, अर्थशास्त्र एवं वित्त विभाग के कई छात्रों द्वारा राष्ट्रीय प्रवक्ता पात्रता परीक्षा पास करने एवं सम सत्र के सत्रारंभ के अवसर पर विभाग के छात्रों को संबोधित करते हुए कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय प्रो. जे.वी. वैशम्पायन ने कहा कि पाँच ट्रिलीयन इकाॅनोमी का लक्ष्य देश के लिये समर्पित अर्थशास्त्रियांे के बिना संभव नहीं। छात्र जीवन ही वह समय है जब हम अपने विषय में दक्षता प्राप्त कर सकते हैं। बिना ज्ञान के डिग्री का कोई महत्व नहीं है। कुलपति महोदय द्वारा छात्रों की क्षमता वृद्धी, शोध एवं अनुसंधान, जॉब-प्लेसमेंट इत्यादि पर प्रमुख ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा गया। उन्होंने कक्षाओं के नियमित संचालन, शिक्षण में गुणवत्ता नियंत्रण, वॉक-टॉक एवं चॉक के समुचित प्रयोग के महत्व के बारे में बताया। कुलपति ने इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रवक्ता पात्रता परीक्षा  पास करने वाले विभाग के विद्यार्थीयों, अर्शदीप, सबीहा अंसारी, सौम्या त्रिपाठी, विशाल, नम्रता एवं सुष्मिता दीक्षित को बेहतर भविष्य के लिये शुभकामनाएं दीं। अधिष्ठाता कला संकाय एवं बैंकिंग, अर्थशास्त्र एवं वित्त विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सी.बी. सिंह ने पिछले सत्र में किये गये कार्यांे की आख्या प्रस्तुत की। साथ ही नवीन सत्र के लिए कार्य योजना प्रस्तुत की। आगामी सत्र में औद्योगिक भ्रमण, अतिथि व्याख्यान एवं छात्र गतिविधि को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। उन्होंने कुलपति से छात्रों की संख्या को देखते हुए नवीन भवन की आवश्यकता जताई। कुलपति ने विभाग के छात्रों द्वारा अर्जित सफलता पर हर्ष व्यक्त किया एवं पिछले सत्र में आयोजित राष्ट्रीय सेमीनार के लिये विभाग के सभी शिक्षकों को बधाई दी। आगामी सत्रों में अधिक छात्रों को प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए प्रेरित करने एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए दिशा-निर्देश प्रदान किये। इस अवसर पर डॉ. अतुल गोयल, डॉ इरा तिवारी, डॉ शंभूनाथ, डॉ यशोधरा शर्मा, डॉ फुरकान, डॉ संदीप, डॉ अंकिता, डॉ राधिका, श्रीमती शिल्पा, पंकज गुप्ता, इंद्रकुमार, नरेन्द्र, अशोक, भानु, विजेन्द्र सिंह, गजाला, शिवानी, बबिता, प्रियंका, अभिषेक, अमिताभ एवं संजय सेंगर  के साथ विभाग के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।


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