दुनिया का सबसे बड़ा दान रक्तदान: कुलसचिव नारायण प्रसाद


-रक्तदान का विकल्प नहीं: कुलपति प्रो.वैषम्पायन
-स्वयंसेवकों के जीवन का होना चाहिए एक मिशन: राजा बुंदेला
-राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर
शुभम श्रीवास्तव
झाँसी, 28 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। राष्ट्रीय सेवा योजना के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में पाँचवे दिन एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिविर में सभी इकाई के स्वयंसेवकों ने रक्तदान में किया। रक्तदान शिविर का आयोजन आराध्या ब्लड बैंक व राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। इस रक्तदान शिविर को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मु्ख्य अतिथि कुलसचिव नारायण प्रसाद ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा दान अगर कोई है तो वह है रक्तदान. उन्होंने कहा कि आप लोगों के रक्तदान से कईयों की जिन्दगी बचाने का मौका मिलता सकता है। इस रक्तदान शिविर में कुलसचिव ने स्वयं सबसे पहले रक्तदान किया और सभी से रक्तदान करने का आग्रह किया। इसके बाद कुलसचिव नारायण प्रसाद ने सभी रक्तदान करने वाले स्वयंसेवकों प्रमाण पत्र प्रदान किये।
विष्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डाॅ मुन्ना तिवारी ने कहा कि रक्तदान करने से हमारे शरीर को कई फायदें हैं। रक्तदान करने के बाद हमारे शरीर के लिए आवश्यक नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण होता है। अपराहन में बुन्देलखण्ड विष्वविविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.वी.वैषम्पायन ने भी रक्तदान केन्द्र का भ्रमण किया तथा स्वयं सेवकों को निरन्तर रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि रक्त एक ऐसी चीज है जिसे बनाया ही नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई और विकल्प भी नहीं है। यह इंसान के शरीर में स्वयं ही बनता है। अतः रक्तदान सर्वोपरि  माना जाता है। एक बार रक्तदान से आप एक साथ तीन लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं।
बौद्धिक सत्र के मुख्य अतिथि बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला ने कहा कि हमारी संस्कृति आज पीछे छूटती जा रही है। हमें अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए जिसमें वह संरक्षित हो सके। उन्होंने उपस्थित स्वयसेवकों को सचेत करते हुए कहा कि आज हमारे पास जानने के लिए बहुत से स्त्रोत हैं लेकिन हम बहुत कुछ खो रहे हैं। हम मोबाइल की दुनिया में काल्पनिक मित्रों के बीच में रहते हैं जबकि हमें हकीकत के मित्रों को खोजना होगा और यह वास्तविक जीवन में ही हो सकता है। गुरु की बदलती भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि आज शिक्षा का बाजारी कारण हो गया है। हमें शिक्षा के पुरातन मूल्यों को जीवित करने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य प्रो वी के सहगल ने कहा कि स्वयंसेवकों को स्वच्छता के प्रति हमेशा विचार करना चाहिए। एन एस एस के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर द्वारा हममें एकता एवं सहभागिता की भावना का विकास होता है। प्रो. सहगल ने कहा कि भारत एक श्रेष्ठ भारत बने इसके लिए यह जरूरी है कि स्वयंसेवक राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दें।
वरिष्ठ पत्रकार डॉ संजय तिवारी ने कहा कि एन एस एस में स्वयंसेवकों में एकता, देश प्रेम और मैं नहीं आप की भावना का विकास होता है। आज देश में एन एस एस के स्वयंसेवक बहुत ही जिम्मेदार पदों पर हैं तथा स्वयंसेवक के रूप में गुण उन्होंने सीखे आज वे बहुत ही काम आ रहे हैं। वसुधैव कुटुंबकम् की भावना एन एस एस ही सभी को सिखाता है। लोगों को सही राह दिखाने का काम भी एन एस एस करता है।
डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ विजय भारद्वाज ने कहा कि आज के समय में हमारे खान पान में रहे बदलावों के कारण हमारे शरीर के पांचों तत्वों का संतुलन बिगड़ गया है। इससे बहुत से रोग हमारे शरीर में हो रहे हैं। गुटखा तम्बाकू खाने के कारण मुंह के कैंसर की संभावना बहुत बढ़ गई है। स्वयंसेवकों की जिम्मेदारी है कि वे लोगों को गुटखा तम्बाकू के प्रभाव के प्रति जागरूक करें। 
राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में चोथे दिन के सांस्कृतिक संध्या पर महात्मा गांधी सभागार में इकाई षष्टम व सप्तम के स्वयंसेवकों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। स्वयंस्वकों में अबरार, रिचा राठौर, आकाँक्षा ने नृत्य प्रस्तुत किये. इसके अलावा स्वयंसेवक राजीव मिश्र ने मॅाब लिंचिग पर आधारित एक कविता पढ़ी। इसके अलावा इकाई षष्टम के स्वयसेवक व युवा कवि अनमोल दूबे ने स्वरचित एक कविता पढ़ी। सांस्कृतिक संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में इकाई षष्टम के स्वयंसेवकों ने “समय के साथ टेलीविजन पत्रकारिता बदलती तस्वीर” पर आधारित एक नाटक प्रस्तुत किया. जिसमें बताया गया कि किस तरह से व्यवसायीकरण के दौर में टीवी पत्रकारिता की तस्वीर व दिशा दोनों बदल गयी।
इन समस्त कार्यक्रमों के दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॅा. मुहम्मद नईम, कार्यक्रम अधिकारी डॅा. उमेश कुमार, डॅा. शिल्पा, डॅा. फुरकान मलिक, डॉ. श्वेता पाण्डेय, डॅा. जितेन्द्र बबेले, डॉ. अनुपम व्यास व स्वयंसेवक मोहित मिश्रा, अनुराग जैन, शाश्वत सिंह, रोहित गुप्ता, सौम्या, डाली पाण्डेय, राशि राय, शिवम् गर्ग, रूपेंद्र श्रीवास्तव, लक्षमण जाधव, आकाश मिश्रा उपस्थित रहे।
विष्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डाॅ मुन्ना तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना के राष्ट्रीय एकीकरण शिविर में प्रत्येक दिन प्रातःकाल योगाभ्यास का कार्यक्रम योगाचार्य रजनीकान्त जी के निर्देषन में चल रहा हैं आज पांचवें दिन योगाचार्य रजनीकान्त जी ने षीर्षासन की अभ्यास करवाते हुए इसके लाभ तथा करने की विधि को विस्तारपूर्वक समझाया। 


Comments