झांसी: खाद्य प्रसंस्करण एवं ऑर्गेनिक खेती पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित


शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 13 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान एवं उपमान स्वयं सहायता समूह के संयुक्त तत्वावधान में झांसी के बबीना ब्लाक के बडोरा गांव में गुरुवार 13 फरवरी 2020 को एक दिवसीय खाद्य   प्रसंस्करण से संबंधित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस शिविर में बडोरा गांव के लगभग 80 किसानों महिला एवं पुरुष के द्वारा प्रतिभाग किया गया। उपरोक्त प्रशिक्षण में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ डीके भट्ट द्वारा ग्रामीण किसानों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली के द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार उनके क्षेत्र में होने वाले उत्पादों को विभिन्न खाद्य पदार्थों में परिवर्तित कर एक छोटा उध्यम लगाकर स्वयं की आजीविका प्रारंभ कर सकते हैं। वर्तमान परिपेक्ष में ऑर्गेनिक खेती कर कैसे अच्छी गुणवत्ता के खाद्य पदार्थों का उत्पादन कर सकते हैं।
विभिन्न प्रकार के उत्पादों को जो छोटे स्तर पर बनाये जा सकते हैं एवं उनको आसपास की बाजारों में बेचा जा सकता है। ऐसे उत्पादों के बारे में बताया गया जिनसे वह अपना एक छोटा उद्योग प्रारंभ कर सकें। खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में भी बताया गया एवं किसानों को संस्थान में आकर शिक्षण की आवश्यकता महसूस होने पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने पर भी वार्ता की गई। स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती ममता जैन  के द्वारा स्वयं सहायता समूह बनाकर उत्पादों को बनाने एवं स्थानीय बाजार में बेचने की योजना पर अपने स्वयंसेवी संस्था के माध्यम से मदद दिलाने का भरोसा दिलवाया एवं गांव के किसानों को एक साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर खाद्य पदार्थ बनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यशाला में प्रशिक्षक श्री आशीष जाटव के द्वारा विभिन्न खाद्य पदार्थों को बनाने की विधियों के बारे में विस्तार से बताया गया। डॉ प्रज्ञा चैहान के द्वारा विभिन्न प्रकार के पेय पदार्थों को बनाकर दिखाया गया एवं वहां पर उपस्थित किसानों एवं महिलाओं को पेय पदार्थ बनाने की विधि सिखाने के साथ-साथ विभिन्न पदार्थों में मिलाए जाने वाले अन्य पदार्थों का परीक्षण करने के तरीके भी बताए। अनुष्का द्विवेदी ने उचित भोजन करने एवं भोजन करने की विधियों एवं आसपास के क्षेत्र में उपलब्ध खाद्य पदार्थों के सेवन की विधियों को बताया। कार्यक्रम में लगभग 80 किसानों ने भाग लिया एवं कार्यक्रम के अंत में सभी के द्वारा कार्यक्रम को अत्यंत उपयोगी बताया गया एवं भविष्य में खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान में आकर एक प्रशिक्षण में भाग लेने की इच्छा भी जताई। खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान के द्वारा एक प्रशिक्षण कार्यक्रम यथाशीघ्र स्थापित करने का आश्वासन दिया गया। 


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