शुभम श्रीवास्तव
झांसी, 29 फरवरी 2020 (दैनिक पालिग्राफ)। धरती हमारी माता है, जब मां स्वस्थ होगी तभी किसान खुशहाल होगा और क्षेत्र का विकास होगा। खेती कार्य में विविधीकरण अपनाना होगा, एक समान खेती करने से लाभ नहीं होगा। खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ की आज महती आवश्यकता है। खेत तालाब के किनारे नीम, महुआ व अंडी का पेड़ लगाएं तो ज्यादा लाभकारी होगा। जल संचय के साथ तेल भी प्राप्त होगा। हमारे अन्नदाता खेत की मिट्टी की जांच कराएं और उसी के अनुसार खेती करें तो उत्पादन व उत्पादकता में बढ़ोतरी होगी। यह उद्गार मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन योजना अंतर्गत एवं तेल कार्यक्रम अंतर्गत सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि किसान की आय दोगुनी हो इसके लिए किसानों को और वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझावों के साथ कार्य करें।
बुन्देलखण्ड साहित्य मेला, क्राफ्ट मेला मैदान में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन योजना अन्तर्गत तिलहन एवं वृक्षजनित तेल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए मण्डलायुक्त सुभाष चन्द्र शर्मा ने कहा कि बुंदेलखंड के किसान सूरजमुखी की खेती करें तो लाभ होगा यहां की जलवायु सूरजमुखी की खेती के लिए उपयुक्त है। उन्होंने किसानों को पशु पालन, मुर्गी पालन, मस्त्य पालन करने का भी सुझाव दिया और कहा कि संगठित होकर यदि किसान क्षेत्र में कार्य करें तो लाभ की संभावनाएं अधिक होगी। उन्होंने क्षेत्र में एक समान खेती करने के नुकसान पर अलग-अलग प्रकार की खेती करने का सुझाव दिया। खेत में गेहूं चावल की खेती से लाभ कम है। इसके स्थान पर वैज्ञानिकों द्वारा सुझाई गई फसलों की बुवाई करें।
मंडलायुक्त सुभाष चंद शर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी खेत की मृदा की जांच अवश्य कराएं ताकि उसके पोषक की जानकारी हो और जो तत्वों की कमी है उन्हें दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से मृदा का स्वास्थ्य बिगड़ गया इसे सुधारा जाना जरूरी है। खेत में गोबर खाद का इस्तेमाल हो, खेत में केंचुआ डालें क्योंकि यह बेहद उपयोगी है। उन्होंने जैविक खेती करने का भी सुझाव दिया।
अधिष्ठाता डा एस के चतुर्वेदी रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने तिलहन एवं वृक्षजनित तेल कार्यक्रम सेमिनार में बताया कि भारत में 79 करोड का तेल विदेशों में आयात होता है। भारत में क्षमता है कि एक हजार करोड़ रुपए हम देश में ही तेल उत्पादन कर बचा सकते हैं। वृक्ष जनित तेल के लिए करजंय, महुआ व नीम के पेड़ लाभदायक है। उन्होंने बताया कि विगत दो वर्षों में विश्वविद्यालय ने बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए दलहन व तिलहन के उन्नतशील बीज की किस्म तैयार की है। किसान दलहन ध्तिलहन के लिए ऐसी किस्मों के बीज का उपयोग करें।
डॉ एस के चतुर्वेदी ने किसानों को उपयोगी जानकारी देते हुए कहा कि किसान खेत पर बने खेत तालाब के किनारे वृक्षारोपण करें, जिसमें नीम, महुआ व करजंय के पेड़ लगाएं इससे आमदानी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में 700/750 मिमी वर्षा होती है, परंतु संचय नहीं कर पाते है, पानी बर्बाद हो रहा है। पानी को बचाना होगा। साथ ही यदि नहर को पक्का करें तो वर्षा जल की बर्बादी नहीं होगी। किसान सिंचाई में स्प्रिकंलर का उपयोग करें, इससे भी जल की बर्बादी रोकी जा सकती है।
सेमिनार में मऊरानीपुर शोध केंद्र के डॉ पी के सोनी ने किसानों को संबोधित करते हुए बताया कि बुंदेलखंड में दलहन व तिलहन बेहद महत्वपूर्ण है। क्षेत्र में गेहूं व चावल की फसल उपर्युक्त नहीं है। यदि कटिया गेहूं की बुवाई हो तो लाभ होगा। उन्होंने कहा कि सभी किसान संकल्प लें कि वह तिल की बुवाई करेंगे, क्योंकि इसमें लागत कम लाभ अधिक है। उन्होंने मऊरानीपुर शोध केंद्र में तैयार की तिल की उन्नतशील प्रजाति जिसमें एमटी 75, टाइप 78, शेखर तथा आर टी 351 की जानकारी दी और इसका उपयोग करते हुए करने की सलाह दी।
संयुक्त विकास आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला ने सेमिनार में किसानों से कहा कि ऐसी फसलों का चयन हो जो लाभदायक हो। उन्होंने किसानों को जौ की खेती करने का सुझाव देते हुए कहा कि आजकल इसकी बहुत मांग है। स्वस्थ रहने के लिए आज सभी इसका उपयोग कर रहे हैं।
संयुक्त कृषि निदेशक ओ पी पांडे ने किसानों को सुझाव दिया कि खेत में फसल के अवशेषों में आग ना लगाएं, इससे मृदा के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों को वृक्षजनित तेल की जानकारी दी।
सेमिनार का संचालन करते हुए उप निदेशक कृषि के के कटियार ने बताया कि ललितपुर-जालौन से भी किसान उपस्थित है। उन्होंने किसानों से कहा कि किसान जिप्सम योग करें इससे उत्पादन बढ़ेगा उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि संगठित होकर खेती करें तो लाभ अधिक होगा।
सेमिनार मे जादूगर श्याम द्वारा जादू के माध्यम से मुख्य अतिथि का स्वागत माल्यार्पण कर किया गया तथा सरकार द्वारा संचालित योजनाओ की जानकारी दी।
इस मौके पर डी डी पी पी उमेश कटियार, टीपीओ विवेक कमार, वीएसए सुधीर कुमार, दीपक कुशवाहा, अनिक कुमार सहित बड़ी संख्या मे किसान उपस्थित रहे।
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