झांसी: स्ट्राईड परियोजना की मेण्टोरिंग तथा माॅनीटरिंग कमेटी की प्रथम बैठक सम्पन्न 


शुभम श्रीवास्तव
झांसी, ७ मार्च २०२० (दैनिक पालिग्राफ) । किसी भी शोध का सामाजिक सरोकार आवश्यक है। शैक्षणिक एवं अकादमिक क्षेत्र में किए गए शोध तभी उपयोगी है यदि समाज के आर्थिक व सामाजिक ढांचे को सुदृढ़ करने में योगदान कर सके। यह विचार शनिवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. एवं अंतर विष्वविद्यालय त्वरक केन्द्र के निदेषक प्रो. अविनाश चंद्र पांडे ने व्यक्त किए। प्रो. पाण्डेय शनिवार को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेण्टर के सभागार में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा वित्त पोषित स्ट्राईड (स्कीम फाॅर ट्रांस डिसिप्लिनरी रिसर्च फाॅर इण्डियास डेवेलपिंग इकाॅनामी) कम्पोनेण्ट-1 के अन्तर्गत ‘अनुसंधान क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास कार्यक्रम’ की मेण्टोरिंग तथा माॅनीटरिंग कमेटी की प्रथम बैठक के अवसर पर कमेटी के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी शोध का उद्देश्य तभी पूरा माना जा सकता है जबकि शोध से प्राप्त निष्कर्ष समाज के कार्य में आ सके। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि वर्तमान में शोधार्थी अपने क्षेत्र एवं तात्कालिक आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए अपने शोध विषय का चयनकर तथा पूर्ण मेहनत तथा शुचिता से कार्य करते हुए से समाज के लिए उपयोगी बनाए।
लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति प्रो.यू.एन.द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ-साथ वर्तमान में शोध की नीति एवं विषयों में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि शोध आधारित जितनी भी परियोजनाएं प्रस्तावित हों उनमे स्थानीयता का अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिये। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जे.वी. वैशम्पायन ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय में स्ट्राईड प्रोजेक्ट तथा उसकी प्रगति के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय के शिक्षकों के कठिन परिश्रम का ही परिणाम है विश्वविद्यालय को यू.जी.सी. की स्ट्राईड परियोजना आवंटित की गई है। कुलपति ने कहा कि परियोजना के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि विश्वविद्यालय को योग्य एवं कर्मठ शोधार्थी प्राप्त हों तथा शोधरत छात्र-छात्राओं को उच्चस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें जिससे विश्वविद्यालय तथा क्षेत्र का नाम रोशन हो सके। 
शनिवार को सर्वप्रथम विश्वविद्यालय में स्ट्राईड के समन्वयक डा.लवकुश द्विवेदी ने विश्वविद्यालय में संचालित स्ट्राईड परियोजना के उद्देश्यों, सम्भावित निष्कर्षों के बारे में जानकारी दी। 
इस अवसर पर अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो.एम.एम.सिंह, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो.सी.बी.सिंह, अधिष्ठाता अभियांत्रिकी संकाय प्रो.एस.के.कटियार, डा.राहुल शुक्ला, डा.रामबीर ंिसह, डा.पीयूष भारद्वाज, डा.बी.एस.भदौरिया, डा.जे.पी.यादव, डा.राजेश पाण्डेय, डा.प्रकाष चन्द्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। 
इसके पश्चात कोर कमेटी के सदस्यों की हुई एक मीटिंग में परियोजना से सम्बन्धित वर्तमान एवं भविष्य कई बिन्दुओं पर चर्चा की तथा आवश्यक निर्णय लिये गये। 
इस अवसर पर इंजी.राहुल शुक्ला, बीबीसी में सहायक आचार्य डा.मानवेंद्र सिंह सेंगर, डा.जाकिर अली, डा.अनुपम व्यास, डा.अमित तिवारी, डा.पूनम मेहरोत्रा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थे।


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