शासन के आदेश हवा में, ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों का बुरा हाल, समय से पहले ही बन्द कर दिए जाते हैं प्राथमिक विद्यालय, प्रशासन बेसुध
- - हक़ीक़त जानने पर समय के पहले ही बन्द किये जा चुके थे प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय
- - समय से स्कूल न खुलने के कारण गेट के बाहर ही बैठे रहते हैं बच्चे
- - स्कूलों में लगा रहता है ताला, शिक्षक के इंतजार में स्कूल के बाहर बैठे रहते है बच्चे
झाँसी, 29 अक्टूबर 2021 (दैनिक पालिग्राफ)। जनपद झाँसी के ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का बुरा हाल है। शिक्षकों के समय पर स्कूल पहुंचने का कोई समय निर्धारित नहीं है। जिसके चलते समय पर स्कूल खुल नहीं पा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे समय पर स्कूल आ रहे हैं, लेकिन शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं और समय के पहले ही स्कूल से घर चले जाते हैं, जिसके चलते स्कूली बच्चों की शिक्षा का बुरा हाल है।
कभी-कभी शिक्षक बिना बताए गायब हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को बिना पढ़ाई किए लौटना पड़ता है। सरकारी स्कूलें खुलने के बाद भी शिक्षक अपने कार्य को लेकर सजग नहीं दिख रहे हैं। जिसका खामियाजा स्कूली बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
बच्चे स्कूल खुलने का करते रहते हैं इंतजार
बताते चलें कि जनपद झांसी के बबीना विकासखण्ड के ग्राम बाजना में शिक्षा बदतर है। शिक्षक अपने अध्यापन कार्यों को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बाजना में शिक्षकों के पहले बच्चे पहुंच जाते हैं। कभी-कभी संबंधित स्कूल के शिक्षक ही स्कूल नहीं पहुंचते। जिसके चलते स्कूल में ताला लगा रहता है। मजबूरन बच्चों को बिना पढ़ाई किए घर लौटना पड़ता है। शिक्षकों की मनमानी को लेकर पालकों में आक्रोश है। लेकिन इस ओर विभागीय अधिकारियों किसी भी तरह से कोई ध्यानाकर्षण नहीं है, जिसका फायदा लापरवाह शिक्षक उठा रहे हैं।
प्रशासन सुस्त, लापरवाह शिक्षक चुस्त
सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शासन ने आधा घंटा पहले तथा इतने समय ही बाद तक कक्षा संचालन शुरू होने के निर्देश जरूर दिए हैं, लेकिन उन पर पूरी तरह अमल नहीं हो रहा। जिलाधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार स्कूल सुबह 9 बजे से लगना चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा। दूरस्थ अंचल के स्कूल समय पर नहीं खुल रहे एवं समय से पहले ही बन्द किये जा रहे हैं। कहीं बच्चे शिक्षक के आने का इंतजार कर रहे हैं, तो कहीं पर्याप्त संख्या में बच्चे ही नहीं पहुंच रहे।
हक़ीक़त जानने पर समय के पहले ही बन्द किये जा चुके थे प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय
बबीना विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बाजना में गुरुवार को जब हक़ीक़त जानने के लिए पड़ताल की गई तो वहां हक़ीक़त पाई गई कि सभी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय दोपहर के 1:30 बजे तक बन्द किये जा चुके थे, सभी विद्यालयों में ताला लटकता हुआ ही कैमरे की नज़र में कैद हुआ।
आपको बता दें कि बबीना विकासखण्ड के ग्राम पंचायत में पहुंचकर जब हक़ीक़त जानी तो ग्राम वासियों व कुछ छोटे नन्हें बालकों ने बताया कि यहां शिक्षा का हाल काफी बुरा है, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सामने ही निवास करने वाले आकाश नायक ने बताया कि यहां पढ़ाने आने वाले शिक्षकों का प्रतिदिन का यही आलम है, न ही समय से आते हैं और समय के पहले ही चले जाते हैं। उन्होंने शासन से शिकायत भी करते हुए कहा कि शिक्षक बस मोबाईल फोन का ही उपयोग करते रहते हैं, बच्चों को पढ़ाते नहीं हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं कि जा रही है। ऐसे में ग्रामीण शिक्षा का स्तर कैसे उच्च होगा?
ग्रामीणों ने शासन से गुहार लगाते हुए कहा कि यदि इन लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कोई शिकायत करता है तो यह सभी एकत्रित होकर पुलिस में ग्रामीणों की ही झूठी शिकायत दर्ज करा देते हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से उचित प्रतिक्रिया की मांग की है। बताया गया कि विद्यालय का समय प्रातः 9 बजे खुलने का है लेकिन 10:30 के पहले कोई भी शिक्षक नही आते हैं, एवं विद्यालय बन्द करने का समय सायं 3 बजे का है लेकिन विद्यालय 2 बजे से पहले ही बन्द करके चले जाते हैं।
कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां रोज का यही आलम रहता है।
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